छत्तीसगढ़

आईआईटी-जेईई मुख्य व नीट परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने को लेकर कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका

रायपुर: आईआईटी-जेईई मुख्य व नीट परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने को लेकर छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत समेत 6 राज्यों के मंत्री आगे आए। उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। उन्होंने कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा आगे बढ़ाने के लिये सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया।

कोविड काल में छात्रों को संकट में डालने वाले निर्णय के लिये छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केंद्र सरकार के प्रति विरोध जताया है। कोविड काल में छात्रों की सुरक्षा को लेकर स्पीक अप फॉर स्टूडेंट हैशटैग सोशल मीडिया में ट्रेंड किया।

इस संबंध में मंत्री अमरजीत भगत का कहना है की देश में कोरोना के लाखों सक्रिय मामले हैं। इतना ही नहीं प्रतिदिन कोरोना के नए मामले जिस संख्या में आ रहे हैं, वो भयावह है। ऐसी परिस्थिति में आईआईटी-जेईई मुख्य व नीट परीक्षा आयोजित कर केंद्र सरकार बच्चों को दोहरे जोखिम में डाल रही है।

मंत्री भगत का कहना है कि एक तरफ कोविड का डर, दूसरी तरफ परीक्षा का दबाव, यह परिस्थिति किशोरवय बच्चों को अवसाद की तरफ धकेल देगी। यह उनके स्वास्थ्य के लिये सर्वथा घातक है, इस विषय में वह छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का समर्थन करते हुए वे सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर रहे हैं।

संक्रमण के अलावा परीक्षाओं के विरोध का एक बहुत बड़ा कारण पर्याप्त तैयारी न होना भी है। मार्च में कोरोना के मामले आने के बाद, राष्ट्रव्यापी लॉक़डाउन लगाया गया था। उसके बाद से ही देश के सभी शिक्षण व कोचिंग संस्थान बंद हैं। ऐसे में आधी-अधूरी के साथ बच्चों को परीक्षा में बैठने पर मज़बूर करने को लेकर पूरे देश में विरोध हो रहा है।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने इस विषय में गैर-भाजपा शासित प्रदेशों 11 मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में सात प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने आईआईटी-जेईई मुख्य व नीट परीक्षाओं के स्थगन के लिये सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया था।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा राजस्थान, पंजाब, प. बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने छात्र-हित में संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। हालांकि छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान, बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड, पंजाब के मंत्रियों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।

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