छत्तीसगढ़

कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन ने उठाया खनिज की अवैध खदानों को बंद करने का मुद्दा, हाईकोर्ट की शरण में जाने की तैयारी, प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला का सामने आया बड़ा बयान—-khabar Xpress

खबर एक्सप्रेस डेस्क। सरकारी निर्माण कार्यों में बाजार दर पर खनिज रायल्टी की वसूली के खिलाफ 1 से 3 मार्च तक निर्माण कार्य ठप रहा है। इसके बावजूद शासन-प्रशासन ने समस्या का समाधान करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इससे सभी विभागों के ठेकेदारों में आक्रोश व्याप्त है।

छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बुधवार को कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश में चल रही खनिज की अवैध खदानों को बंद कराने का मुद्दा उठाते हुए बाजार दर रायल्टी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का प्रस्ताव पारित किया है।

प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि प्रदेश में 10 हजार करोड़ के निर्माण कार्यों में गिट्टी, रेत और मुरम की जितनी खपत है, उतनी मात्रा में खनन करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से छत्तीसगढ़ खनिज विभाग को अनुमति ही नहीं मिली है। इसलिए सभी खदानों में निर्धारित क्षमता के विपरीत जाकर अवैध परिवहन किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने ठेकेदारों के लिए बाजार दर पर रॉयल्टी लागू की है।ऐसे में खनिज खदानों के संचालकों द्वारा पास जारी नहीं होने की स्थिति में कलेक्टरों की कार्यवाही का शिकार ठेकेदारों को होना पड़ेगा।क्योंकि बाजार दर पर रायल्टी वसूलने के लिए राज्य सरकार ने कलेक्टरों को अधिकृत कर दिया है।ऐसी विषम परिस्थितियों में निर्माण कार्यों का टेंडर लेने वाला ठेकेदार पीस रहा है।

इस मुद्दे को लेकर अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाने का निर्णय एसोशिएशन ने लिया है। साथ ही एक प्रस्ताव राज्य शासन को भेजकर टेंडर शर्तों के एसओआर दर में संशोधन करने की मांग भी की है।

प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने जारी बयान में बताया कि बाजार दर पर रॉयल्टी की वसूली सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए ठेकेदारों को मजबूर होना पड़ा। परंतु राज्य सरकार के अड़ियल रवैय्ये के कारण वित्तीय वर्ष मार्च का समापन होने के बाद प्रदेशभर में निर्माण पूरी तरह से अनिश्चितकाल के लिए ठप हो जाएगा।

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